DNA ka full form – DNA का मतलब क्या होता है हिन्दी मे

dna ka full form  – नमस्कार दोस्तो आज हम आपको अपनी इस पोस्ट के द्वारा आपको और एक नयी जानकारी देने वाले है आप लोगो ने DNA के बारे मे सुना होगा काही पढ़ा होगा या tv, movie सुना होगा । और आपके मन मे DNA से जुड़े कुछ सवाल भी आए होंगे जैसे की – dna full form in hindi , dna ka full form in hindi , dna ka full form , dna kya hai , dna meaning in hindi , what is the full form of dna आदि । तो आज हम आपको इन सब सवालो का जवाब देने वाले है ।

DNA ka full form

dna ka full form – आज के समय को विज्ञान का समय कहा जाता है | समय के साथ-साथ विज्ञान ने इतनी अधिक उन्नति कर ली है, जिससे हर समस्या के समाधान का निवारण किया जा सकता है | इस विज्ञान के द्वारा बारीक से बारीक चीज की खोज की गयी है | विज्ञान के द्वारा ही हर सफल परीक्षण करके अविष्कार का कार्य किया जा रहा है | वर्तमान समय में मनुष्य में विज्ञान के द्वारा अंतरिक्ष से लेकर मानव स्वास्थ्य तक के कई क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी उपलब्धियां प्राप्त की गयी है |

विज्ञान के द्वारा ही मानव स्वास्थ्य के क्षेत्र मे डीएनए DNA की खोज की गई है। डीएनए के माध्यम से मनुष्य ने कई जटिल समस्याओं को हल किया है। आज इस लेख मे हम आपको डीएनए के बारे मे ही जानकारी दे रहे हैं जैसे- डीएनए की फुल फॉर्म क्या होती है और क्या होता है डीएनए।


डीएनए का फुल फॉर्म (DNA full form in Hindi)

फुल फॉर्म (DNA full form) डिऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic acid)
हिंदी में डीएनए का फुल फॉर्म डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल
कब खोज की गई 1860 में
खोज करने वाले वैज्ञानिक का नाम फ्रेडरिच मिश्चर (Friedrich Miescher) – ‘, फ्रांसिस क्रिक (Francis Crick) – ‘, जैम्स वाट्सन (James Watson) – ‘
वैज्ञानिक राष्ट्रीयता स्विस (फ्रेडरिच मिश्चर), ब्रिटिस (फ्रांसिस क्रिक), अमेरिकन (जैम्स वाट्सन)
शोध क्षेत्र जीव विज्ञान, आण्विक जीव विज्ञान, भौतिक शास्त्र

डीएनए का फुल फॉर्म (dna ka full form) – “डिऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड” होता है। अगर और सरल भाषा में बात करें तो, डीएनए का फुलफॉर्म हिंदी में – डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल है। (The full form of DNA in Hindi is – डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल)।

मानव का शरीर तरह-तरह की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है, जिसमें से एक अणु DNA होता है।समें एक ऐसे प्रकार का अनु पाया जाता है, जो मानव के शारीरिक संबंध को बताता है।

यह तंतुनुमा अणु होते है, इन्हें जिंदा कोशिकाओं के गुणसूत्र में पाया जाता है | डीएनए का सम्बंध जीवित कोशिकाओं से होता है | इसकी आकृति लहरदार सीढ़ी की भांति होती है, इसे  3D संरचना के द्वारा स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है |

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What is DNA डीएनए क्या होता है? | dna ka full form kya hai

1)  डीएनए (DNA) एक येसी संरचना है जो किसी कोशिका की जैविक (Genetic) या बायोलॉजिकल (Biological) जानकारी को एक विशेष संकेतिक शब्दों में कूटबद्ध या सुरक्षित (Encode) करती है।

2) जैसा कि डीएनए के फुल फॉर्म (DNA full form) से स्पष्ट है – यह एक न्यूक्लिक एसिड (Nucleic acid) है जिसमें किसी जीव की अनुवांशिक जानकारी (Genetic Information) होती है, जैसे किसी व्यक्ति की बालो का रंग , आंखों का रंग, शरीर का रंग  उसका कद, उसके पूर्वजों, की जानकारी इत्यादि।

 3) डीएनए सभी जीव और पौधों में पाया जाता है और कुछ वायरसों (virus) में भी पाया जाता है। जिन विषाणुओं (Virus) में डीएनए (DNA) नहीं पाया जाता उनमें आरएनए (RNA) आवश्यक रूप से पाया जाता है, सार्स कोरोनावायरस (SARS-CoV-2 virus) एक ऐसा ही वायरस है जिसमें डीएनए (DNA) नहीं पाया जाता है।

4)  ऐसे विषाणुओं (virus) की जेनेटिक जानकारी के लिए आरएनए (RNA) को एक मशीन में डालकर रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन प्रक्रिया (Reverse transcription) की मदद से कंप्लीमेंट्री डीएनए (Complementary DNA) जिसे सीडीएनए (cDNA) भी कहा जाता है, प्राप्त कर लिया जाता है और उसे आवर्धित (Magnified version) कर देख लिया जाता है।

 5) डीएनए को डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अम्ल” कहा जाता है। इसकी आकृति लहरदार होती है। डीएनए के अणु की संरचना एक घुमावदार सीढ़ी की तरह होती है। और यह हर एक कोशिका के लिए ज़रुरी होता है। हर एक डीएनए का अणु चार तत्वों से मिलकर बनता है जो न्यूक्लियोटाइड कहलाता है। जिन्हे- एडेनिन, ग्वानिन, थाइमिन और साइटोलिन कहते हैं। हर न्यूक्लियोटाइड मे एक नाइट्रोजन युक्त वस्तु होती है।

6)  DNA की आकृति घुमावदार होती है इसलिए सोचने वाली बात यह है कि DNA को अगर सुलझाया जाए तो यह सूर्य से पृथ्वी तक की दूरी को कई बार नाप सकता है।

 7) हमारे शरीर से प्रतिदिन 1 हजार से लेकर 10 लाख तक डीएनए नष्ट हो जाते हैं। और लगभग इतने ही DNA बनते भी हैं। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन दुनियां की जितनी भी प्रजातियां है उनकी जानकारी को एक चम्मच DNA मे सुरक्षित किया जा सकता है।


डीएनए की खोज (Discovery of DNA)

1) dna ka full form –  के साथ साथ आपकोडीएनए जिसे “डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अम्ल” कहा जाता है कि खोज वर्ष 1953 मे जेम्स और फ्रांसिस क्रिक वैज्ञानिको ने की थी। और इस खोज के लिए इन्हे 1962 मे नोबल पुरस्कार भी मिला था। DNA एक मॉलिक्यूल होता है। जिसमे सभी जीवों के जेनेटिक कोड मौजूद होते हैं। DNA सभी जीवों अर्थात मनुष्यों, पेड़ पौधों, जीव जंतुओं, बैक्टीरिया और कीटाणु आदि सभी मे पाया जाता है।

2) जबकि डीएनए की खोज को ले कर एक और बात है की इसकी असल में पहली बार डीएनए की खोज 1850 दशक के अंत में एक स्विस वैज्ञानिक फ्रेडरिच मिश्चर द्वारा की गई थी।

फ्रेडरिच मिश्चर का जन्म 13 अगस्त 1844 को बसेल, स्विटजरलैंड में हुआ था, फ्रेडरिच मिश्चर एक स्विस चिकित्सक और जीव विज्ञानी थे। वे 1869 में न्यूक्लिक एसिड की पहचान करने वाले प्रथम वैज्ञानिक थे, इसके अतिरिक्त उन्होंने पोटामाइन की पहचान की और कई अन्य महत्वपूर्ण खोजे भी की।

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डीएनए के कार्य (DNA WORK)

  • डीएनए एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होता रहता है, इसके द्वारा पीढ़ी में होने वाले परिवर्तन के विषय में जानकारी प्राप्त की जा सकती है |
  • डीएनए के द्वारा कोशिकाओं में सूचनाओं को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जाता है | इन सूचनाओं का प्रयोग कई रहस्यों का पता करने में किया जाता है | जिससे वंशज के विषय में जानकारी प्राप्त हो जाती है |
  • डीएनए में अनुवांशिक सूचनाओं का एक संग्रह होता है, इस संग्रह को जीन कहा जाता है | इसी के साथ अनुवांशिक सूचनाओं के विषय में जानकारी प्राप्त होती है | इसके द्वारा ही आनुवंशिक गुणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित किया जाता है
  • चिकित्सा के क्षेत्र में डीएनए (DNA) के उपयोग से रोगों और चिकित्सा स्थितियों की सरल व्याख्या की जा सकती है, और उनके रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं। अधिकांश वंशानुगत बीमारियां जैसे – बांझपन, कैंसर इत्यादि डीएनए में दोषों के कारण पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होती चली जाती हैं, ऐसे में DNA की मदद से इन दोषों की पहचान की जा सकती हैं।
  • वायरोलॉजी के क्षेत्र में इसका प्रयोग कर नई महामारी की रोकथाम और निवारण में मदद मिल सकती है, जैसे डीएनए स्टडी के बाद ही सार्स कोरोनावायरस (SARS-CoV-2 virus) के जीनोम (Genome) की जानकारी प्राप्त हो पाई थी और वैक्सीन का निर्माण संभव हो पाया।

डीएनए के प्रकार (TYPES OF DNA)

जीवों में मुख्यतः तीन प्रकार के डीएनए पाए जाते है, यह इस प्रकार है-

  • A – DNA
  • B – DNA
  • Z – DNA

A-DNA

इस प्रकार के डीएनए में दोनों साइड के फिलामेंट्स छोटे, चौड़े और छोटी-छोटी खांच के बने होते हैं, इसमें 10.9 / 11 क्षार युग्म पाए जाते है |

B-DNA

इस प्रकार के डीएनए में दोनों साइड के फिलामेंट्स पतले और लंबे होते हैं, इसकी खांच गहरी तथा उथली हुई होती है, इसके प्रत्येक स्तर में 10.9 / 11 क्षार युग्म पाए जाते है |

Z-DNA

इस प्रकार के डीएनए में दोनों साइड के फिलामेंट्स पतले और लंबे होते हैं, परन्तु इसमें खांचे केवल गहरी होती है | यह ज़िगज़ैग की तरह पायी जाती है, अतः इन्हें Z-DNA कहा जाता है | इसके प्रत्येक स्तर में 12 क्षार युग्म पाए जाते है |

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डीएनए (DNA) जांचने की विधि

  • डीएनए टेस्ट के लिए आपके शरीर से कुछ सैंपल लिया जाता है।
  • इसमें आपके खून, उल्ब तरल, बाल या त्वचा आदि लिया जा सकता है।
  • आपको बता दें कि उल्ब तरल या एम्नियोटिक फ्लूइड गर्भावस्था में भ्रूण के चारों ओर मौजूद तरल को कहते हैं।
  • इसके अतिरिक्त आप डीएनए टेस्ट कराने वाले व्यक्ति के गालों के अंदरूनी भाग से भी सैंपल लिए जा सकते हैं।
  • इन नमूनों के जाँच के लिए जगह-जगह पर मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएँ बनाईं गईं हैं।
  • इन प्रयोगशालाओं में आप एक निश्चित रकम जो कि 10 से 40 हजार के बीच हो सकती है, चुका कर डीएनए टेस्ट करवा सकते हैं.
  • जाँच की रिपोर्ट आपको 15 दिनों के अंदर मिल सकती है।

NOTE : DNA टेस्ट मनुष्य के बालों, गाल के अंदर की कोशिकाएं, मूत्र के सेंपल, खून एवं त्वचा की मदद से किया जा सकता है। इन्ही सेंपल के आधार पर DNA की जांच की जाती है जिसे मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला मे ही किया जाता है। और जांच की रिपोर्ट 10 से 20 दिनो के दर दे दी जाती है। DNA जांच करवाने के लिए आपको 5000 से 50000 तक राशि खर्च करनी पड़ सकती है। यह निर्भर करता है कि आप किस प्रकार की जांच करवाते हैं। क्योंकि DNA के 1200 प्रकार के जांच किए जाते हैं।


What is a DNA test? डीएनए टेस्ट क्या होता है

आपने कभी न कभी डीएनए का नाम ज़रुर सुना होगा। और क्या आप जानते हैं कि इसका टेस्ट कैसे होता है। वर्तमान मे DNA के 1200 प्रकार के टेस्ट होते हैं। DNA एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी मे स्थानांतरित होता है। प्रत्येक मनुष्य के जीन्स मे 46 गुणसूत्र होते हैं जिनमे से 23 पिता के तथा 23 माता के होते है।

अगर किसी के DNA मे परिवर्तन आता है तो उसे म्यूटेशन कहा जाता है, क्योंकि माना जाता है कि यह किसी रासायनिक दोष की वजह से हुआ होगा या फिर सूर्य की पराबैंगनी किरणों की वजह से।

DNA टेस्ट की मदद से आनुवांशिक बीमारियों का पता भी लगाया जा सकता है इससे आनुवांशिक गुणों की पूरी जानकारी मिलती है। और साथ ही साथ यह भी निश्चित किया जा सकता है कि आपको आने वाले समय मे कौन सी बीमारी होगी। DNA टेस्ट के माध्यम से बालों और आँखो का रंग भी सुनिश्चित किया जा सकता है।

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What is the importance of DNA? डीएनए का क्या महत्व है?

डीएनए का मेडिकल के क्षेत्र मे बहुत अधिक महत्व होता है। समय के साथ- साथ डीएनए मे बहुत से प्रयोग हुए हैं जिससे वर्तमान समय मे मेडिकल के अलावा कृषि के क्षेत्र मे, फॉरेंसिक जांच, और कानूनी क्षेत्र मे भी डीएनए का काफी उपयोग होने लगा है। इसलिए बहुत से कानूनी मामलों को सुलझाने मे भी DNA बहुत महत्वपूर्ण होता है।

DNA की जाँच के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि किसी व्यक्ति का पिता कौन है या फिर संबंधित व्यक्ति के साथ भाई, बहन आदि कोई रिश्ता है या नही। कृषि के क्षेत्र मे अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता व अच्छे प्रजनन वाले जीवों की पहचान करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है। इसके साथ- साथ DNA टेस्ट की मदद से आनुवांशिक बीमारी का पता लगाकर उनकी अगली पीढ़ी को इस बीमारी से रोकथाम के लिए भी प्रयास किए जाते हैं।


RNA क्या है? यह DNA से कैसे अलग है?

RNA का मतलब राइबोन्यूक्लिक एसिड होता है जो न्यूक्लियोटाइड से युक्त आनुवंशिक सामग्री में से एक है। मानव शरीर में आरएनए आनुवंशिक जानकारी के वाहक के रूप में कार्य करता है और विभिन्न प्रोटीनों के संश्लेषण में यह काम करता है।

सभी जीवित चीजों में, DNA आनुवंशिक जानकारी के वाहक के रूप में कार्य करता है। यह जानकारी संग्रहीत करता है जिसमें लिंग, बाल या आंखों का रंग जैसे प्रत्येक जीवित प्राणी का ब्लूप्रिंट शामिल होता है। कुछ Viruses में RNA यह कार्य करता है।

आनुवंशिक सूचना प्रसारित करने के अलावा, आरएनए के कई अन्य कार्य हैं। उदाहरण के लिए, यह प्रोटीन उत्पादन के लिए सूचना के ट्रांसमीटर के रूप में कार्य करता है या एंजाइम के समान उत्प्रेरक (राइबोजाइम) के रूप में कार्य करता है।


डीएनए से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (DNA FAQ in Hindi)

1)  हिंदी में डीएनए का फुलफॉर्म क्या है (What is full form of DNA in Hindi)?

डीएनए का फुलफॉर्म हिंदी में – डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल है। (The full form of DNA in Hindi is – डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल)।

2) क्या डीएनए को बदलना संभव है?

हां कई बार प्राकृतिक त्रुटियों के कारण DNA में असामान्य परिवर्तन आ जाते हैं, कृत्रिम रूप से वैज्ञानिक द्वारा इसमें बदलाव संभव है लेकिन इसका प्रचलन बहुत ही सीमित है डीएनए टेस्ट (DNA test) कराने के लिए क्या सैंपल देना पड़ता है?

डीएनए टेस्ट कराने के लिए प्रयोशाला द्वारा अधिकांशतः गले के अंदर के स्वैब का सेंपल लिया जाता है। इसके अतिरिक्त बाल या त्वचा के जरिए भी डीएनए टेस्ट किया जा सकता है।

क्योंकि इसे बहुत लोग अनैतिक और प्रकृति के विरुद्ध मानते हैं।

3) How much DNA is in a human? – एक मानव में कितना डीएनए है?

हमारे शरीर की रचना करने वाली अरबों कोशिकाओं में से, न्यूरॉन्स से जो पूरे मस्तिष्क में संकेतों को रिले करते हैं, प्रतिरक्षा कोशिकाओं को जो हमारे शरीर को निरंतर बाहरी हमले से बचाने में मदद करते हैं, लगभग हर एक में समान 3 बिलियन डीएनए बेस जोड़े होते हैं

4) Where Is DNA Found? – डीएनए कहां पाया जाता है?

अधिकांश डीएनए कोशिका नाभिक (जहां इसे परमाणु डीएनए कहा जाता है) में स्थित होता है, लेकिन माइटोकॉन्ड्रिया (जहां इसे माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए या एमटीडीएनए कहा जाता है) में डीएनए की एक छोटी मात्रा भी पाई जा सकती है ।

जो मानव जीनोम बनाते हैं

5) RNA full form

RNA का फुल फॉर्म Ribonucleic acid होता है

BA full form 



और पड़े 


conclusion 

आज हमने आपको अपने ब्लॉग के द्वारा DNA ka full form और इससे जुड़े सभी सवालो का जवाब देने की कोशिश की है अगर फिर भी आपको कोई सवाल हो हो आप हमे कमेंट के माध्यम से हम पूछ सकते हो

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