what is database in hindi – डेटाबेस क्या है और इसके प्रकार

what is database in hindi – क्या आपको पता है Database क्या है और डेटाबेस मॉडल के प्रकार। कभी कभी आप सोचते होंगे इतना सारा data और Information कहाँ रहता है। क्या Internet में कोई एसी जगह है ? या कोई आदमी बैठके लिखता है ? इन सभी का जवाब है Database। यह भी जान लो Database के बिना Internet कुछ भी नहीं है। तो चलिए आज जानते है डेटाबेस क्या होता है

what is database in hindi


डेटाबेस क्या है- what is database in hindi 

database kya hai – डेटाबेस, सूचनाओं (या डेटा) का एक ऐसा व्यवस्थित संग्रह (Organized Collection) होता है, जिससे हम किसी भी सूचना को सरलता से प्राप्त कर सकते हैं। डेटाबेस व्यवस्थित इसलिए होता है, क्योंकि इसमें किसी भी डेटा या सूचना को एक निश्चित स्थान पर पहले से तय किए हुए रूप में रखा जाता है, ताकि कभी भी आवश्यकता पड़ने पर उसे आसानी से ढूंढकर देखा जा सके।

व्यवस्थित डेटाबेस में हमें निम्नलिखित कार्य की सुविधा होती है

  1. आवश्यक सूचना को निकालना (Retrieving ) ।
  2. सूचनाओं के अनुसार उचित कार्यवाही करना या निर्णय लेना ।
  3. सूचनाओं को नई आवश्यकताओं के अनुसार फिर से व्यवस्थित करना ।
  4. सूचनाओं के आधार पर रिपोर्ट आदि बनाना तथा नई सूचनाएँ निकालना ।
  5. एक डेटाबेस, नामों की सूची की एक फाइल के रूप में आसान भी हो सकता है। और डेटा की बहुत-सी फाइलों के समूह के रूप में कठिन भी हो सकता है। )

डेटाबेस से आप क्या समझते हैं इसकी विशेषता दर्शाइए?

आज के समय में इन्टरनेट में बहुत सारीं websites है जिन्हें डेटाबेस के माध्यम से handle किया जाता है. यह एक Software System है, जिसके जरिए एक user, database को Create, Define, Maintain और Control करता है। DBMS, Programs का Collection है आम तोर पे Database(DB) को Maintain करने के लिए इस्तमाल किया जाता है।आजकल बहुत सारें databases का प्रयोग किया जाता है जो कि निम्नलिखित हैं:-

  • MySQL
  • Oracle
  • MongoDB
  • SQL Server
  • Sybase
  • Informix
  • Amazon Relational Database Service
  • EMS SQL Manager

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Advantage of Database in Hindi – डेटाबेस के लाभ 

Advantage of Database in Hindi

डेटाबेस को उपयोग करने के बहुत सारे लाभ है जो की  निम्नलिखित हैं:-

  1. यह data redundancy को कम करता है अर्थात् यह duplicate डाटा को स्टोर नहीं करता है. अगर वह डाटा पहले से database मे store  है तो ।
  2. यह data integrity और security प्रदान करता है. इसमें कोई unauthorized users डेटाबेस को access नहीं कर सकता. जिससे डाटा के चोरी होने का खतरा कम हो जाता है ।
  3. इसमें दो या दो से अधिक users एक समय अगल -अगल स्थानो से  में database को access कर सकते हैं.
  4. इसमें डाटा को दूसरे users को बड़ी आसानी से share किया जा सकता है. बिना किसी मेहनत के ।
  5. Database में डाटा को आसानी से एक्सेस किया जा सकता है. सिर्फ उस डाटा से जुड़ी जानकारी को डाल के ।
  6. इसमें data को search करना और उसे retrieve करना बहुत ही सरल होता है. पुराने डेटाबेसों में हमें प्रत्येक search के लिए program को लिखने की जरूरत पड़ती थी. परन्तु आजकल के database में सिर्फ command का प्रयोग करके किसी भी डाटा को search कर सकते हैं.
  7. कोई भी user बिना अनुमति के डेटाबेस को एक्सेस नहीं कर सकता.
  8. डेटाबेस में data का backup लेना बहुत ही आसान है और कभी किसी वजह से database corrupt हो जाए तो हम data को फिर से restore कर सकते है.
  9. इसमें data consistent होता है क्योंकि इसमें data redundancy नहीं होती.

Disadvantage of Database in Hindi – डेटाबेस के नुकसान

डाटाबेस की हानियाँ नीचे दी गयी हैं:-

    1. डेटाबेस सिस्टम को design करना बहुत ही कठिन होता है और इसमें बहुत ज्यादा time लगता है.
    2. इसके हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का cost (मूल्य) बहुत अधिक होता है.
    3. अगर डेटाबेस damage हो जाए तो इससे सभी application programs पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
    4. इसको use करने से पहले इसको सीखने की आवश्यकता होती है. बिना सीखे इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते.
    5. डेटाबेस का size बहुत ही अधिक होता है.

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डेटाबेस के प्रकार (Types of Database)

type of databse

डेटाबेस के प्रकार – जोकि निम्नलिखित है।

नेटवर्क डेटाबेस ( Network Database)

इस प्रकार डेटाबेस में, डेटा रिकॉर्ड के समूह के रूप में तथा डेटा के बीच सम्बन्ध लिंक के माध्यम से दर्शाया जाता है।

हैरार्रिकल डेटाबेस (Hierarchical database)

इस प्रकार के डेटाबेस में, डेटा को वृक्ष के रूप में नोड्स के माध्यम से व्यवस्थित किया जाता है। हैरार्रिकल डेटाबेस में नोड्स आपस में लिंक के माध्यम से जुड़ी होती हैं।

रिलेशनल डेटाबेस (Relational Database)

रिलेशनल डेटाबेस को संरचित डेटाबेस (Structured Database) भी कहा जाता है, जिसमें डेटा को सारणियों (Tables) के रूप में संग्रहीत (Store) किया जाता है। इन डेटा सारणियों में स्तम्भ (Column), सारणी में स्टोर होने वाले डेटा के प्रकार को तथा पंक्तियाँ (Rows) डेटा को दर्शाती हैं।

Distributed Database –

यह एक प्रकार का डेटाबेस होता है जो कि एक ही सिस्टम तक सीमित नहीं होता है यह नेटवर्क में बहुत सारें sites या computers में फैला रहता है. दूसरे शब्दों में कहें तो, “distributed database बहुत सारें interconnected databases का एक collection होता है जो कि अलग अलग locations पर फैले रहते है और ये आपस में कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से communicate करते है.

Object-oriented Database –

इस प्रकार के डेटाबेस में डाटा objects के रूप में स्टोर होता है. एक ऑब्जेक्ट real-world entity होती है. यह डेटाबेस object-oriented programming के rules का पालन करता है.

यह मॉडल object oriented programming languages जैसे:- python, java, VB.net तथा perl आदि के साथ कार्य करता है. इसका निर्माण 1980 के दशक में किया गया था.

NoSQL database –

यह एक non-relational database है. इसमें डाटा को un-structured और semi-structured तरीके से स्टोर किया जाता है. यह डेटाबेस बहुत ज्यादा popular हो रहा है. इसका प्रयोग developers ज्यादा करते हैं क्योंकि यह complex application के लिए सही काम करता है.

Graph Database –

यह डेटाबेस data को store करने के लिए graph theory का उपयोग करता है. इस प्रकार के databases का ज्यादातर प्रयोग interconnection को analyze करने के लिए किया जाता है. उदाहरण के लिए – graph database का प्रयोग social media से customers की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है.

Data Warehouse –

यह एक प्रकार का डेटाबेस है जिसका उपयोग आमतौर पर अलग-अलग sources से business data को collect और analyze करने के लिए किया जाता है.

डाटा वेयरहाउस कई प्रकार के resources से प्राप्त जानकारी को एक स्थान में एकत्रित करता है जिसे repository कहते है। इसमें सारी information एक ही schema में स्टोर की जाती है। एक बार collect हुआ डेटा लम्बे समय तक store रहता है और वह लम्बे समय तक access किया जा सकता है।


डेटाबेस के अनुप्रयोगी क्षेत्र (Application Areas of Database)

डेटाबेस का इस्तेमाल बहुत सारें स्थानों पर किया जाता है जो कि निम्नलिखित हैं:-

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  1. Railways Reservation – में डेटाबेस का प्रयोग railways reservation में ticket booking, train की departure और arrival की जानकारी को स्टोर करने के लिए किया जाता है.
  2. Library में – लाइब्रेरी में बहुत सारीं books होती हैं और उनका record किसी register में रखना मुश्किल होता है. इसलिए books की information को स्टोर करने के लिए डेटाबेस का use किया जाता है.
  3. Banking में – बैंकिंग में इसका use कस्टमर की जानकारी और money transactions के record को स्टोर करने के लिए किया जाता है. एक bank में प्रतिदिन हजारों transactions होते हैं जिनको database में आसानी से स्टोर किया जा सकता है.
  4. College में – कॉलेज और विद्यालयों में student और teachers की information को स्टोर करने के लिए किया जाता है. इसमें fees के record को स्टोर करने के लिए भी किया जाता है.
  5. Social Media Sites में – आज के समय में social media sites जैसे कि – fakebook, twitter, Instagram आदि का प्रयोग बहुत किया जाता है. इनमें प्रत्येक दिन लाखों नए account बनते है और लोग image को upload करते हैं. इन सभी data को स्टोर करने के लिए डेटाबेस का use किया जाता है.
  6. Military में – लाखों सैनिकों की information, और हथियारों के record को स्टोर करने के लिए इसका use किया जाता है.
  7. Human Resource में – इसका प्रयोग employees, salary, payroll और paycheck आदि की जानकारी को स्टोर करने के लिए किया जाता है.

   8. वित्तीय (Finance) – क्षेत्र में बिक्री तथा खरीद के बारे में जानकारी संग्रहीत करने के लिए।


कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस की आवश्यकता (Need Of Computerized Database)

हाथ से बनाए गए डेटाबेस (हस्तचालित डेटाबेस) में बहुत-सी समस्याएँ होती है; जैसे कि

  1. नया डेटा जोड़ने की समस्या
  2. डेटा को बदलने की समस्या,
  3. डेटा को अपनी शर्तों के अनुसार प्राप्त करने की समस्या आदि। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस का निर्माण किया गया। इसमें सभी सूचनाएँ कम्प्यूटर पर रखी जाती हैं और कम्प्यूटर की सहायता से ही उनका रख-रखाव तथा प्रोसेसिंग की जाती है। कम्प्यूटर पर डेटाबेस बनाने के कई प्रोसेसिंग की जाती है।

कम्प्यूटर पर डेटाबेस बनाने के कई कारण है, जो निम्नलिखित है

  1. कम्प्यूटर पर बड़े आकार का डेटाबेस सरलता से बनाया जा सकता है, क्योंकि उसमें डेटा को संग्रहीत करने की क्षमता अधिक होती है।
  2. कम्प्यूटर की कार्य करने की गति तेज होने के कारण कितने भी बड़े ‘डेटाबेस में से कोई भी इच्छित सूचना निकालना और डेटाबेस पर विभिन्न क्रियाएँ करना आदि कार्य बहुत कम समय में ही सम्पन्न हो जाते हैं। इतना ही नहीं तेज गति के कारण उस पर कोई लम्बी-चौड़ी रिपोर्ट निकालना और छापना मिनटों का कार्य होता है।
  3. इसमें हस्तचालित डेटाबेस की तुलना में बहुत कम खर्च आता है।

डेटाबेस के अवयव (Components of Database)

एक डेटाबेस विभिन्न प्रकार के अवयवों से मिलकर बना होता है। डेटाबेस का प्रत्येक अवयव आब्जेक्ट (Object) कहलाता है।

प्रत्येक डेटाबेस फाइल में आप अपने डेटा को विभिन्न सारणियों (Tables) में विभाजित कर सकते हैं; फॉर्म (Form) के माध्यम से सारणी के डेटा को देख सकते हैं, नया डेटा जोड़ सकते हैं तथा अपडेट (Update) भी कर सकते हैं; क्वैरी ( Queries) के माध्यम से आवश्यकतानुसार सारणियों में से डेटा को खोज सकते हैं। तथा पुनः प्राप्त कर सकते हैं और रिपोर्ट (Report) के माध्यम से डेटा का विश्लेषण (Analyze) तथा डेटा को एक विशेष लेआउट (layout) में प्रिन्ट कर सकते हैं।

डेटाबेस के अवयवों का विस्तारपूर्वक वर्णन निम्नलिखित हैं

1)  सारणी (Table)

वैसे तो डेटाबेस कई प्रकार के होते हैं, परन्तु सबसे अधिक प्रचलित और प्राकृतिक डेटाबेस रिलेशनल डेटाबेस हैं, जिसमें डेटा एक सारणी के रूप में संग्रहीत होता है । सारणी, स्तम्भ तथा पंक्तियों के कटाव से बने सैल (Cells) से मिलकर बनी होती है, यही सैल सारणियों में डेटा को स्टोर करने के लिए प्रयोग की जाती है।

इन सारणियों पर विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन, जैसे कि डेटा को स्टोर करना, निस्पन्दन (Filtering) करना, पुनः प्राप्त करना, डेटा का सम्पादन करना आदि किए जा सकते हैं। मुख्य रूप से, सारणी फील्ड तथा रिकॉर्ड से मिलकर बनी होती है जिनका विवरण निम्नलिखित हैं

2) फील्ड (Field)

सारणी के प्रत्येक स्तम्भ को फील्ड कहते हैं, प्रत्येक फील्ड का एक निश्चित नाम होता है, जिसमें उसे पहचाना जाता है। प्रत्येक फील्ड का नाम उस फील्ड में स्टोर होने वाले डेटा के प्रकार को बताता है। उदाहरण के लिए विद्यार्थी का नाम, शहर, देश टेलीफोन नम्बर आदि फील्ड के नाम हो सकते हैं।

3) रिकॉर्ड (Record)

सारणी की प्रत्येक पंक्ति को रिकॉर्ड कहा जा सकता है। दूसरे शब्दों में, ‘एक रिकॉर्ड एक एंटिटी’ (जैसे कि वस्तु, व्यक्ति, आदि) से सम्बन्धित सभी फील्डों में उपस्थित डेटा का संग्रह होता है।

उदाहरण के लिए, आपके मित्रों के नाम तथा टेलीफोन नम्बर वाले डेटाबेस की संरचना नीचे दिखाए गए चित्र की तरह हो सकती है।

आप देख सकते हैं कि दी गई सारणी Friends में दो फील्ड हैं- Name,

Telephone_No. और पांच रिकार्ड हैं।

उदाहरण के लिए (Hradesh, 7869) एक रिकॉर्ड है।

4) क्वैरी ( Queries)

किसी सारणी या डेटाबेस से आवश्यकतानुसार डेटा को निकालने के लिए जो आदेश दिया जाता है, उसे क्वैरी कहा जाता है।

उदाहरण के लिए, आप अगर मेरठ शहर में रहने वाले मित्रों की सूची निकालनी चाहें, तो इसे एक क्वैरी कहेंगे। क्वैरी आपकी आवश्यकतानुसार डेटा को निकालने के लिए आवश्यक फील्डों, शर्तें, सारणी का नाम आदि को दर्शाता है। किसी क्वैरी के उत्तर में जो सूचनाएँ या रिकॉर्ड डेटाबेस से निकाले जाते हैं, उसे उस क्वैरी का डायनासेट (Dynast) कहते हैं।

5 ) फार्म ( Forms)

यद्यपि आप सारणी में डेटा को स्टोर कर सकते हैं। तथा सुधार भी सकते हैं, लेकिन सारणी में डेटा को स्टोर करना तथा सुधारना आसान नहीं होता है। इस समस्या को फॉर्म की सहायता से दूर कर सकते हैं।

फॉर्म आपकी स्क्रीन पर एक ऐसी विण्डो होती है, जिसकी सहायता से आप किसी सारणी में भरे गए डेटा को देख सकते हैं, सुधार सकते हैं और नया डेटा जोड़ भी सकते हैं, सामान्यतः फॉर्म एक समय पर एक रिकॉर्ड को देखने तथा सुधारने के लिए प्रयोग किया जाता है।

6) रिपोर्ट (Reports)

सरल शब्दों में कोई रिपोर्ट एक ऐसा डायनासेट है, जिसे कागज पर छापा गया हो, आप किसी डायनासेट की सूचनाओं को किन्हीं आधारों पर समूहबद्ध कर सकते हैं।

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डेटाबेस प्रबन्धन प्रणाली (Database Management System)

कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के निर्माण तथा रख-रखाव के लिए हमें एक विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है, जिसे डेटाबेस प्रबन्धन प्रणाली (DBMS) कहा जाता है। मुख्यतः यह एक कम्प्यूटर आधारित रिकॉर्ड के रख – रखाव की प्रणाली है अ

र्थात् यह एक ऐसी प्रणाली है, जिसका उद्देश्य रिकॉर्ड एवं सूचनाओं को सम्भाल कर रखना है। यह उपयोगकर्ता को एक ऐसा वातावरण प्रदान करती है, जिसके माध्यम से डेटा को संग्रहीत करना तथा पुनः प्राप्त करना बहुत ही सुविधाजनक हो जाता है। MySQL, INGRES, MS- ACCESS आदि इसके उदाहरण हैं।

  • DBMS की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं।
  • डेटाबेस का निर्माण करना
  • नए डेटा को शामिल करना या जोड़ना । वर्तमान डेटा को सम्पादित करना।
  • डेटा को अस्थायी एवं स्थायी रूप से मिटाना । सूचना पद्धति को ढूंढना एवं प्राप्त करना ।
  • डेटा को क्रमबद्ध रूप से व्यवस्थित करना ।
  • आकर्षक एवं अर्थपूर्ण रिपोर्ट्स को डिजाइन करना एवं प्रिन्ट करना ।

DBMS की संरचना (Architecture of DBMS)

DBMS की संरचना तीन स्तरों से मिलकर बनी होती है, जिनका विवरण निम्नलिखित हैं।

आन्तरिक स्तर (Internal Level)

इस स्तर में, डेटाबेस के भौतिक संग्रहण की संरचना का वर्णन करता है। यह वर्णित करता है कि वास्तव में डेटा डेटाबेस में कैसे संग्रहीत और व्यवस्थित होता है। वह यह भी निर्धारित करता है कि कौन-सी इण्डेक्सेस मौजूद हैं, स्टोर किए गए रिकॉर्ड किस क्रम में हैं आदि। इसे भौतिक स्तर (Physical Level) भी कहा जाता है।

विचार सम्बन्धी स्तर (Conceptual Level) इस स्तर में,

पूर्ण डेटाबेस की संरचना होती है। यह स्तरों के मध्य जानकारी के रूपान्तरण की प्रक्रिया होती है। यह डेटाबेस में संग्रहीत डेटा के प्रकार को तथा डेटा के बीच सम्बन्ध को वर्णित करता है। इसे तर्कसिद्ध स्तर (Logical Level) भी कहा जाता है।

बाहरी स्तर (External Level)

इस स्तर में डेटा व्यक्तिगत उपयोगकर्ता द्वारा उपयोग में लाया जाता है। यह डेटाबेस के उस भाग का वर्णन करता है जो उपयोगकर्ता के लिए उपयोगी होता है। यह उपयोगकर्ताओं को उनकी आवश्यकतानुसार डेटा को एक्सिस (Access) करने की अनुमति इस प्रकार करता है,

ताकि एक ही डेटा एक ही समय पर कई उपयोगकर्ताओं (Users) द्वारा प्रयोग किया जा सके। यह स्तर डेटाबेस की सूची को उपयोगकर्ता से छिपाता है। यह स्तर अलग-अलग उपयोगकर्ता के लिए अलग-अलग होता है। इसे दर्शनीय स्तर (View Level) भी कहा जाता है।

DBMS के लाभ (Advantages of DBMS)

DBMS के के कई लाभ है जो निम्नलिखित हैं

डेटा के दोहराव में कमी (Reduction in Data Repetition) अच्छी तरह व्यवस्थित किए गए डेटाबेस में सामान्यतः डेटा का कोई दोहराव नहीं होता। समस्त डेटा को एक जगह रखे जाने के कारण हर सूचना को केवल एक बार स्टोर किया जाता है।

डेटा की स्थिरता (Data Consistency) -डेटा के एक ही स्थान पर केन्द्रित होने के कारण डेटा की स्थिरता बनी रहती है, क्योंकि उसमें एक ही सूचना के दो मानों की सम्भावना समाप्त हो जाती है। डेटा अस्थिर तब होता है जब डेटा दो जगह रखा गया हो और केवल एक जगह सुधारा गया हो।

डेटा की साझेदारी (Data Sharing) -डेटा की साझेदारी करके एक समय पर कई प्रोग्राम डेटा का प्रयोग कर सकते हैं। जिससे प्रोग्रामों को अपना डेटाबेस तैयार करने की आवश्यकता नहीं होती और बहुत-सा समय और परिश्रम बच जाता है।

डेटा की सुरक्षा (Security of Data) – डेटाबेस प्रबन्धन प्रणाली (DBMS) डेटा को निषिद्ध उपयोगकर्ताओं तथा अवैध परिवर्तन से बचाता है। यह केवल अधिकृत उपयोगकर्ताओं को डेटा का प्रयोग करने की अनुमति प्रदान करता है।

डेटा की सम्पूर्णता (Data Integrity ) – डेटा की सम्पूर्णता, डेटा की समग्र पूर्णता (Overall Completeness), सटीकता (Accuracy) तथा निरन्तरता (Consistency) को सन्दर्भित करती है। यह एक डेटा रिकॉर्ड के दो अपडेटस ( Updates) के बीच परिवर्तन के अभाव को दर्शाता है। यह दर्शाता है कि डेटाबेस में स्टोर डेटा बिल्कुल सही है और नवीनतम है।


DBMS की सीमाएँ (Limitation of DBMS)

DBMS के कई लाभ है, लेकिन साथ ही इसकी कुछ सीमाएँ भी हैं जो निम्नलिखित हैं।

हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की लागत (Cost of Hardware and Software) – सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए डेटा को तीव्र गति से प्रोसेस करने वाले प्रोसेसर (Processor) और अधिक क्षमता वाली मैमोरी (Memory) की आवश्यकता होती है, जिनकी लागत अधिक होती हैं।

कठिनता (Complexity) -एक डेटाबेस प्रबन्धन प्रणाली (DBMS) के अच्छे कार्य करने की क्षमता की पूर्व कल्पना करना उस DBMS सॉफ्टवेयर को कठिन बना देती है। डेटाबेस प्रबन्धन प्रणाली को समझने की विफलता एक संगठन Organization के लिए गम्भीर परिणामों का कारण बन सकती है।

कर्मचारियों के प्रशिक्षण की लागत (Cost of Staff Training) – अधिकतर DBMS सॉफ्टवेयर अत्यन्त जटिल होते हैं, इसलिए उपयोगकर्ताओं को डेटाबेस का प्रयोग करने के लिए एक प्रशिक्षण देने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार DBMS सॉफ्टवेयर चलाने के लिए संगठन को कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए एक बड़ी राशि का भुगतान करना पड़ता है।

टेक्निकल स्टॉफ की नियुक्ति (Appointing Technical Staff) – एक संगठन में डेटाबेस के लिए प्रशिक्षित टेक्निकल पर्सन (Trained Technical Staff) जैसे कि डेटाबेस व्यवस्थापक (Database Administrator), एप्लीकेशन प्रोग्रामर (Application Programmers) आदि की आवश्यकता होती है, जिसके लिए संगठन को इन व्यक्तियों को एक अच्छे वेतन का भुगतान करना पड़ता है जिससे प्रणाली की लागत बढ़ जाती है।

डेटाबेस की विफलता (Database Failure) – अधिकांश संगठन में सभी डेटा एक ही डेटाबेस में एकीकृत होता है। यदि पॉवर बन्द हो जाने के कारण डेटाबेस विफल हो जाता है या डेटाबेस स्टोरेज डिवाइस पर ही विफल (Fail) हो जाता है तो हमारा सभी मूल्यवान (Valuable) डेटा लुप्त (Loss) हो सकता है या हमारी पूरी प्रणाली बन्द हो सकती है।


History of Database in Hindi – डेटाबेस का इतिहास

डेटाबेस का इस्तेमाल लगभग 60 साल पहले से हो रहा है. हम नीचे दिए गये points के आधार पर इसके इतिहास के बारें में जानेंगे.

  • साल 1960 में Charles Bachman ने सबसे पहले database system को डिजाईन किया था.
  • 1970 में Codd ने IBM के information management system (IMS) को प्रस्तावित किया.
  • 1976 में Peter Chen ने E-R model को विकसित किया.
  • 1980 में relational model सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला database component बना.
  • 1985 में object oriented डेटाबेस मॉडल develop किया गया.
  • वर्ष 1991 में माइक्रोसॉफ्ट ने MS Access को launch किया. यह Microsoft का personal डेटाबेस था.
  • 1995 में internet से कार्य कर सकने वाले सबसे पहले database का निर्माण किया गया.
  • 1997 में डाटाबेस की processing में XML को apply किया गया.

FAQ

1)  डेटाबेस क्यों बनाया गया है? डेटाबेस के उपयोग क्या है?

ans – कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के निर्माण तथा रख-रखाव के लिए हमें एक विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है, जिसे डेटाबेस प्रबन्धन प्रणाली (DBMS) कहा जाता है। मुख्यतः यह एक कम्प्यूटर आधारित रिकॉर्ड के रख – रखाव की प्रणाली है

अर्थात् यह एक ऐसी प्रणाली है, जिसका उद्देश्य रिकॉर्ड एवं सूचनाओं को सम्भाल कर रखना है। यह उपयोगकर्ता को एक ऐसा वातावरण प्रदान करती है, जिसके माध्यम से डेटा को संग्रहीत करना तथा पुनः प्राप्त करना बहुत ही सुविधाजनक हो जाता है। MySQL, INGRES, MS- ACCESS आदि इसके उदाहरण हैं।

2) पहला डेटाबेस कब आविष्कार किया गया था?

ans – साल 1960 में Charles Bachman ने सबसे पहले database system को डिजाईन किया था. पर 1970 में Codd ने IBM के information management system (IMS) को प्रस्तावित किया  और उसके बाद ही इसका उपयोगा शुरू हुआ ।

3) डेटाबेस कितने प्रकार है?

ans – नेटवर्क डेटाबेस ( Network Database) ,  Distributed Database , Relational Database ,Object-oriented Database , Data Warehouse , Graph Database , Network database etc ।

4) एक डेटाबेस का एक उदाहरण क्या है?

ans – database के बहुत सारे उदाहरण है । आज कल हर एक बड़ी कंपनी या website database का उपयोग करती है । जैसे की – amazon , facebook ,youtube आदि ये सभी डेटाबेस का उपयोग करती है ।

5) डेटा क्या है (Data)

ans – किसी वस्तु व्यक्ति या समूह के बारे में किसी तथ्य अथवा जानकारी को डेटा (Data) कहा जाता है। किसी व्यक्ति का नाम, किसी वस्तु का वजन तथा मूल्य, किसी कक्षा के विद्यार्थियों की उम्र आदि ये राभी डेटा के उदाहरण हैं।

6) सूचना क्या है  (Information )

ans – जब किसी डेटा को सार्थक तथा उपयोगी बनाने के लिए संसाधित, व्यवस्थित, संरचित किया जाता है, तो उसे हम सूचना कहते हैं। उदाहरण के लिए एक कक्षा का औसत स्कोर एक सूचना है, जोकि उस कक्षा के विद्यार्थियों के स्कोर से निकाला जा सकता है।

संक्षेप में, डेटा डेटाबेस में स्टोर मूल्यों को सन्दर्भित (Refer) करता है, जबकि सूचना उन मूल्यों से निकाले गए निष्कर्ष या अर्थ को सन्दर्भित करती है।


conclusion

हमे उम्मीद है की आपको हमारी इस what is database in hindi  पोस्ट के द्वारा database से जुड़ी सारी जानकारी मिल गई होगी । अगर इसमे किसी प्रकार की कोई कमी हो तो आप हमे कमेंट या मेल करके बता सकते हो ।


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